Thursday, February 10, 2011

Kuch Likh Hi Lein



आज दिल ने सोचा , कलम उठा ही लें ,
थोडा ही सही , कुछ  लिख ही लें,
किताबें पढ़ पढ़ कर,
 कुछ लिख न सकें,
आज बिना पढ़े कुछ लिख ही लें .

एक किताब , ज़िन्दगी की लिखी जा रही है ,
उसमें कुछ पन्नो को अपनी पसंद से ,
रंग ही दें , भर ही दें,
थोडा ही सही , आज कुछ लिख ही लें .


This is what , comes out after minors (exams @ IIT delhi )

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