तस्वीरे बदलती नहीं , इंसान बदल जाते हैं ;
मुकाम बदल जाते हैं
कारवाह बदल जातें हैं
और ये वक़्त बदल जाता है .
नदी जैसे बहेती चली जाती है,
दुनिया मैं लोग वाह वाह करते चले जाते हैं
जिसकी की वाह वाह होती है ,वो इंसान बदल जाता है,
फिर किसी तस्वीर मैं वो पाया जाता है.
वक़्त के साथ बदलता मौसम जब भा जाता है ,
इंसान सारे गिले शिकवे भी खा जाता है,
ऐ दोस्त तुझसे बस इतनी धर्कवास्त है ,
खुद बल्दे तो हमे भी बदल देना अपने साथ,
बस इस दोस्ती को कायम रखना , बदलने मत देना .
तस्वीरे बदलती नहीं , इंसान बदल जाते हैं ;
ReplyDeleteमुकाम बदल जाते हैं
कारवाह बदल जातें हैं
और ये वक़्त बदल जाता है .
नदी जैसे बहेती चली जाती है,
दुनिया मैं लोग वाह वाह करते चले जाते हैं
जिसकी की वाह वाह होती है ,वो इंसान बदल जाता है,
फिर किसी तस्वीर मैं वो पाया जाता है
infinite loop ho gya ye to :D
Nice thought anyway!!
mai badlunga ya nahi... pata nahi!!
par tuje yaad rakhung don't ya worry :D
for me , ur best poem up till now...
ReplyDelete@gvsparx
ReplyDeleteakhir duniya gol hai
whats goes around comes around :)
@pawan
best to abhi likhi hi nahi
nahi flat hai!!
ReplyDeletegol hoti to hum fisal nahi jaate?