कविता लिखना !!!
हमारी आदत नहीं,
मजबूरी नहीं,
शौक नहीं,
ये एक हसीन मोहब्बत है .
और ये बताना सही रहेगा की
कविता किसी नारी का नाम नहीं है .
और सची मोहब्बत है ..
कलम तो किसी कोयल की गीत की तरह ,
अपने आप लिखती चली जाती है ,
कागज़ तो अम्बर की तरह ,
कोयल को पनाह दिए जातें हैं .
कवी का प्यार सो ज़रूर जाता है ,
कम होता नहीं है ,
थमता नहीं है,
और कभी मरता नहीं है.
और हर कविता के लिखते ही,
खिलते ही,
झलकते ही,
इश्क कागज़ के रंग की तरह
घेरा होता चला जाता है ...
कविता किसी नारी का नाम नहीं है .
ReplyDeleteऔर सची मोहब्बत है ..
hahahaa!!!
Yahi hai yahi hai!!!
:D
dis iz d frst hindi poem of urs vich i lykd!!
ReplyDeletenyc piece!!