Thursday, March 3, 2011

Kavita


कविता लिखना !!!
हमारी आदत नहीं,
मजबूरी नहीं,
शौक नहीं,
ये एक हसीन मोहब्बत है .
और ये बताना सही रहेगा की 
कविता किसी  नारी का नाम नहीं है .
और सची मोहब्बत है ..

कलम तो किसी कोयल की गीत की तरह ,
अपने आप लिखती चली  जाती है ,
कागज़ तो अम्बर की तरह ,
कोयल को पनाह दिए जातें हैं .

कवी का प्यार सो ज़रूर जाता है ,
कम होता नहीं है ,
थमता नहीं है,
और  कभी मरता नहीं है.

और हर कविता के लिखते ही,
खिलते ही,
झलकते ही,
इश्क कागज़ के रंग की तरह
घेरा होता चला जाता है ...






2 comments:

  1. कविता किसी नारी का नाम नहीं है .
    और सची मोहब्बत है ..

    hahahaa!!!
    Yahi hai yahi hai!!!
    :D

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  2. dis iz d frst hindi poem of urs vich i lykd!!
    nyc piece!!

    ReplyDelete

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